‘विरासत’ एक अति प्रचलित शब्द है जिसका भावार्थ होता है अपने वंशजों से कुछ प्राप्त करना, चाहे वो धन-सम्पत्ति के रूप में हो या आदर्श, उपदेश अथवा संस्कार के रूप में।
पाश्चात्य देशों की तरह, भारत भी नारी-अपमान, अत्याचार एवं शोषण के अनेकानेक निन्दनीय कृत्यों से ग्रस्त है।
वर्तमान सभ्यता अपनी ही पैदा की हुई जिन बड़ी-बड़ी त्रासदियों (Tragedies) और अत्यंत घातक समस्याओं से जूझ रही है, उनकी सूची में यौन-अनाचार एवं यौन-अपराध को शीर्ष-स्थान पर रखा जा सकता है।
खाने और कपड़े की तरह काम वासना भी मनुष्य की मौलिक आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति मनुष्य की स्वाभाविक मांग है।