नेल्सन मंडेला के पौत्र ने भी अपनाया इस्लाम (मांडला मंडेला)

नेल्सन मंडेला के पौत्र ने भी अपनाया...

दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत और दिवंगत राष्ट्रपति और वहां दशकों तक चले रंगभेद विरोधी अभियान में २७ वर्ष जेल काट चुके नेल्सन मंडेला को कौन नहीं जानता होगा? पूरी दुनिया में वह रंगभेद के विरुद्ध आंदोलनों का प्रतीक बन गए थे। पूरी दुनिया में उनका नाम बड़े आदर से लिया जाता है।
ईसाई धर्म में आस्था रखने वाले मंडेला परिवार के साथ पूरी दुनिया उस समय आश्चर्यचकित रह गई जब २०१५ में उनके पौत्र मांडला मंडेला ने अपना धर्म परिवर्तित कर इस्लाम स्वीकार करने की घोषणा की। हर तरफ़ से उनकी निंदा की जाने लगी और उनपर दबाव बनाया गया की वह ईसाई धर्म में वापस आ जाएँ क्योंकि यही उनके परिवार और खानदान का धर्म रहा है। 
अभी यह चर्चा चल ही रही थी की एक दूसरी घोषणा ने लोगों को अत्यधिक हैरानी में दाल दिया। 6 फ़रवरी २०१६ को मांडला मंडेला ने एक मुसलमान युवती राबिया क्लार्क से विवाह कर लिया और एक प्रकार से दुनिया को यह सन्देश दिया की अब वह इस्लाम से पलटने वाले नहीं हैं। यह उनका चौथा विवाह था। 
उनका पहला विवाह 2004 में तांडो मबूना मंडेला से हुआ था परन्तु यह ज़्यादा दिनों तक चल नहीं पाया और उनकी पत्नी ने तलाक़ की अर्ज़ी दाख़िल कर दी जिसका केस अभी भी कोर्ट में है। उनका दूसरा विवाह 2010 में एक फ्रेंच युवती से हुआ जिससे एक बेटा भी हुआ परन्तु २०१२ में उन्होंने अपनी पत्नी को यह कहते हुए अलग कर दिया की यह बेटा उनका नहीं है। उन्होंने तीसरा विवाह २०११ में किया था और २०१६ में यह उनका चौथा विवाह था।  
42 वर्षीय मंडेला दक्षिण अफ्रीका अबाउथेम्बु कबीले में मावेज़ो के प्रमुख का पदाधिकारी हैं, जो उनके दिवंगत दादा से विरासत में मिला है। इसलिये इनके इस्लाम ने दक्षिण अफ्रीका में पारंपरिक नेताओं को काफ़ी आहत किया है और सब ने इस स्थिति से अपनी असंतुष्टि व्यक्त की और वह इसको बदलने का पूरा प्रयत्न कर रहे हैं। उनके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि उनका यह धर्म परिवर्तन मात्र राबिया क्लार्क से विवाह के लिए है। लोगों द्वारा अब यह कहा जा रहा है की वर्तमान जिम्मेदारिओं को निभाने में इस्लाम रुकावट बनेगा और इससे सबको क्षति पहुंचेगी। इन जिम्मेदारिओं में अपने पूर्वजों के लिए धन्यवाद अनुष्ठान की अगुवाई करना भी शामिल हैं, जिसमें प्रार्थना के समय उनके सामने जानवरों का वध करके पेश करना होता है।
बीबीसी से बात करते हुए, दक्षिण अफ्रीका के कांग्रेस के पारंपरिक नेताओं (कॉन्ट्रालेसा) के मुख्य प्रवक्ता, मावेलो नोनकोनेन ने स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, "एक पारंपरिक नेता के लिए यह कुछ भी गलत नहीं है की वह किसी भी आस्था का चयन करे, लेकिन हम इस बात से चिंतित हैं कि क्या वह एक प्रमुख के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाना जारी रख पाएंगे?  उन्होंन आगे कहा कि मंडेला का राबिया से विवाह अन्य कारणों से दक्षिण अफ्रीका के रीति-रिवाजों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि, “हमारी परम्परा तो यह रही है की विवाह के उपरान्त पत्नी स्वयं को पति के अनुसार परिवर्तित कर लेती है। इसलिए जब राबिया ने मांडला के विवाह-प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया तो उन्हें अपने पति के परिवार की परम्परा को अपनाना चाहिए था। क़बीले के कुछ लोग दबी ज़बान में यह भी कह रहे हैं की इस्लाम धर्म स्वीकार कर लेने के बाद अब उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए इसलिए की मावेज़ो क़बीले के लोग मुसलमान नहीं है और उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। 
इन समस्त आलोचनाओं के बीच अपने विवाह समारोह में मांडला मंडेला अपने निर्णय पर जमे रहे और इन आलोचनाओं से वह कदापि विचलित नहीं हुए। उन्होंने कहा कि, “यह सच है की राबिया और मैं दो बिलकुल भिन्न संस्कृति और धर्म में पले-बढ़े हैं, पर हम दोनों में एक बात सामान्य यह: हम दोनों दक्षिणी अफ्रीकन हैं।“ 
अपने विवाह के समय मांडला मंडेला ने कहा, “मैं केप टाउन में राबिया क्लार्क से अपनी शादी की घोषणा से सम्मानित और खुश हूं। मैं राबिया के माता-पिता, उसके विस्तारित परिवार और मुस्लिम समुदाय का दिल से आभार व्यक्त करते हुए उनका दिल से स्वागत करना चाहता हूं।“ 

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